बेगुनकोडर स्टेशन पश्चिम बंगाल में स्थित है 1962 में रेलवे स्टेशन को बनाया गया था तथा इस रेलवे स्टेशन के बनने से बेगुनकोडर में रहने वाले लोगों की बहुत बड़ी परिवहन की समस्या हल हो गई थी यहां के लोगों द्वारा यह बताया जाता है कि यहां पर एक लड़की की बहुत समय पहले ट्रेन से मृत्यु हो गई थी ,
उसकी आत्मा ही लोगो को ट्रेनों में परेशान करती है रेलवे कर्मचारियों को दिखाई देती है और लोगों को भी वह लड़की अपनी ट्रेन के साथ भागते हुए दिखती है तथा कभी-कभी उस लड़की का भूत पेड़ों पर बैठा हुआ दिखाई देता है कई बार लोगों ने उस लड़की को रेलवे प्लेटफार्म पर नाचते हुए देखा है ,
एक बार 1967 के समय यहां पर रेलवे स्टेशन मास्टर को ट्रेन के साथ भागते हुए एक लड़की दिखाई दी थी वह ट्रेन की रफ्तार को मिलाकर उसके साथ भाग रही थी कभी-कभी वह लड़की इतनी तेजी से भागती थी कि वह ट्रेन से भी आगे निकल जाती थी और फिर पटरी पर भागने लगती थी यह नजारा रेलवे स्टेशन मास्टर के लिए बहुत ही हैरान जनक था स्टेशन मास्टर ने रेलवे के कर्मचारियों तथा वहां के लोगों द्वारा पता किया तो वहां के लोगों ने बताया कि कई बार यह लड़की यात्रियों को भी जब यह रेलवे स्टेशन आता है तो बाहर खिड़की से भागती हुई नजर आती है
कभी-कभी वह प्लेटफार्म पर नाचती भी है और फिर गायब हो जाती है उसके बाद स्टेशन मास्टर इस डर के कारण वह अपने गांव चले जाता है तथा कुछ दिनों बाद स्टेशन मास्टर की गांव में अज्ञात कारण से मृत्यु हो गई यह बात गांव में आग की तरह फैल गई तथा रेलवे स्टेशन पर नए स्टाफ की नियुक्ति की गई परंतु उन्हें भी वह लड़की रोज ट्रेन के साथ भागती हुई प्रतीत हुई अगले ही दिन उन्होंने वहां से चले जाने के एप्लीकेशन दे दी ,भारत सरकार द्वारा यहां पर कई रेलवे कर्मचारियों कई नए स्टाफ की नियुक्ति की गई परंतु सभी को असाधारण गतिविधियां दिखने के कारण रेलवे कर्मचारियों ने वहां से जाना उचित समझा लोगों तथा रेलवे कर्मचारियों में इस इन घटनाओं का खौफ इतना ज्यादा बढ़ गया कि यहां पर कोई भी रेलवे स्टाफ अपनी नियुक्ति नहीं चाहता था
कोई भी रेलवे कर्मचारी इस रेलवे स्टेशन पर काम नहीं करना चाहता था गांव के लोगों में तो इतना खौफ था कि गांव के लोग भी वहां आने से डरते थे रेलवे स्टेशन के खौफनाक कर देने वाले घटनाओं से इस रेलवे स्टेशन का रेलवे रिकॉर्ड में नाम भूतिया स्टेशन रखा गया तथा 1968 में इस रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया गया,
42 साल तक यह रेलवे स्टेशन एक भूतिया लड़की के कारण बंद रहा तथा बाद में 2009 में इस रेलवे स्टेशन को लोगों के लिए शुरू कर दिया गया परंतु सरकार की तरफ से यह शर्त रखी गई थी यहां पर शाम 5:00 बजे के बाद कोई भी व्यक्ति नहीं जा सकता है क्योंकि उस लड़की की आत्मा शाम के समय से सतर्क हो जाती है